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An awareness program on the topic of efficient and balanced fertilizer use in horticulture

बागवानी में दक्ष एवं संतुलित उर्वरक उपयोग विषय पर एक जागरूकता कार्यक्रम

दिनांक 21 जून 2022 को संस्थान में बागवानी में दक्ष एवं संतुलित उर्वरक उपयोग विषय पर एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमे लगभग 100 किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारम्भ संस्थान की निदेशक डॉ. नीलिमा गर्ग के सन्देश से हुआ जिसमे उन्होंने किसानों से अनुरोध किया कि यदि किसान भाई अपनी फसल से लाभदायक उत्पादन प्राप्त करना चाहते है, तो वो मृदा की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए दक्ष एवं संतुलित उर्वरक उपयोग अवश्य करें इसके लिए उन्होंने कई उदहारण दिए। कार्यक्रम में संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. दिनेश कुमार ने फलदार बागों में संतुलित उर्वरक उपयोग में मृदा परीक्षण एवं टपक सिंचाई पद्धति के बारे में विस्तार से बताया उन्होंने मृदा नमूनों को लेने का वैज्ञानिक तरीका भी बताया। प्रभागाध्यक्ष डॉ. राम अवध राम ने बागवानी में फसल अवशेष प्रबंधन द्वारा भूमि उर्वरता के सुधार के बारे में बताया तथा इसके पर्यावरण पर होने वाले सकारात्मक प्रभावों को भी सफलता की गाथा (सक्सेस स्टोरी ) द्वारा दर्शाया। भारत सरकार के मृदा कार्ड योजना के बारे में डॉ. तरुण अदक ने बताया तथा किसानो को इसके लिए प्रेरित किया की वो अपनी भूमियों का कार्ड बनवाएं। संस्थान के अन्य वैज्ञानिक डॉ. गोविन्द कुमार ने बागवानी फसलों में जैव उर्वरकों के उपयोग एवं संस्थान द्वारा विक्सित जैव उर्वरक CISH Biozapher के बारे में किसानो को बताया तथा इसके पैकेट्स भी वितरित किये गए। कार्यक्रम का सञ्चालन डॉ. दुष्यंत मिश्र ने किया तथा उन्होंने अपने व्याख्यान में बागवानी फसलों में नैनो उर्वरकों के उपयोग, उनसे होने वाले लाभ एवं सावधानियों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के अंत में किसानो की तकनीकी समस्यों का निराकरण संस्थान के वैज्ञानिको द्वारा किया गया तथा कार्यक्रम का समापन डॉ.रवि द्वारा धन्यवाद ज्ञापन हुआ।